नजानी नजानी
|कतै दोष तिम्रो केही भूल मेरो
भए गल्ती केही नजानी नजानी
न थाहा भयो खै कतिखेर हामी
भयौं एक साथी नजानी नजानी
भयौं एक साथी नजानी नजानी
कतै नियती को यही ध्येय थ्यो’ की
हुनु रैछ भे’ट नजानी नजानी
हुनु रैछ भे’ट नजानी नजानी
अनायास नै के भयो आज कुन्नि
भयौं दूध पानी नजानी नजानी
हरे तुङ्ग के अर्थ यो जिन्दगीको
परिणाम ख़ाली नजानी नजानी !
परिणाम ख़ाली नजानी नजानी !